क्यों दी जाती है रात में छुआरा खाने की सलाह.....?

Date- छुहारा प्रसिद्ध मेवाओं में से एक है। छुहारे एक बार में चार से अधिक नहीं खाने चाहिए, वरना इससे गर्मी होती हैं। दूध में भिगोकर छुहारा खाने से इसके पौष्टिक गुण बढ़ जाते हैं। छुहारा रुचिकारक, हृदय के लिए लाभकारी, तृप्तकारी, पुष्टकारक, वीर्य-बलवर्द्धक, क्षय (टी.बी.), रक्तपित्त, वातज्वर, अभिघात वमन, वात और कफरोगों को दूर करता है। यह खून को शुद्ध करता है तथा शरीर को मोटा करता है।
विभिन्न रोगों में उपयोग : 
1. शीघ्रपतन: 2 छुहारे रोजाना खाने से शीघ्रपतन के रोग में लाभ मिलता है और जिन लोगों का वीर्य पतला निकलता है वह गाढ़ा हो जाता है। 

2. बिस्तर में पेशाब होना: यदि बच्चे बिस्तर में पेशाब करते हो तो रोजाना रात को सोते समय 2 छुहारे खिलाने से लाभ होता है। 250 मिलीलीटर दूध में 1 छुहारा डालकर उबाल लें। जब दूध अच्छी तरह से उबल जाये और उसके अन्दर का छुआरा फूल जाये तो इस दूध को ठण्डा करके छुआरे को चबाकर खिलाने के बाद ऊपर से बच्चे को दूध पिला दें। ऐसा रोजाना करने से कुछ दिनों में ही बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है।
3. कब्ज: सुबह-शाम 3 छुहारे खाकर गर्म पानी पियें। छुहारे सख्त होने से खाना सम्भव न हो तो दूध में उबालकर ले सकते हैं। छुहारे रोजाना खाते रहने से बवासीर, स्नायुविक दुर्बलता, तथा रक्तसंचरण ठीक होता है। सुबह के समय 2 छुहारे पानी में भिगोकर रात को इन्हें चबा-चबाकर खाएं। 
4. मोटापा: छुहारा शरीर में खून को बनाता है। शरीर को बलवान व मोटा बनाता है। दूध में 2 छुहारे उबालकर खाने से मांस, बल और वीर्य बढ़ता है। छुहारा अवरोधक अर्थात बाहर निकालने वाली चीजों को रोकता है। जैसे दस्त, आंसू, लार, वीर्य और पसीना आदि सभी को रोकता है। छुहारे में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग जैसे हडि्डयों की कमजोरी, दांतों का गलना आदि छुहारा खाने से ठीक हो जाते हैं। 
5. नपुंसकता: छुहारे को दूध में देर तक उबालकर खाने से और दूध पीने से नपुंसकता खत्म हो जाती है। बराबर मात्रा में मिश्री मिले दूध में छुहारों को उबालकर गुठली हटाकर खाने से नपुंसकता दूर हो जाती है और इससे वीर्य, बल, बुद्धि भी बढ़ती है। 
6. अंजनहारी, गुहेरी: छुहारे के बीज को पानी के साथ पीसकर गुहेरी पर दिन में 2 से 3 बार लेप करने से अंजनहारी में बहुत लाभ होता है।
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7. गैस: एक छुहारा बिना गुठली का और 30 ग्राम जयपाल खोपरा, 2 ग्राम सेंधानमक को पीसकर और छानकर 3 खुराक बना लें। 3 दिन तक इस खुराक को 1-1 करके गर्म पानी के साथ सुबह लेने से गैस के रोग समाप्त हो जाते हैं।
8. मसूढ़ों से खून आना: 2 से 4 छुहारों को गाय के दूध में उबाल लें। उबल जाने पर छुहारे निकालकर खायें तथा बचे हुए दूध में मिश्री मिलाकर पीयें। रोजाना सुबह-शाम इसका सेवन करने से मसूढ़ों से खून व पीव का निकलना बंद हो जाता है। 
9. दस्त: छुहारे के पेड़ से प्राप्त गोंद को 3 ग्राम से लेकर 6 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम चाटने से अतिसार (दस्त) में आराम मिलता है। 


10.पक्षाघात-लकवा-फालिस फेसियल परालिसिस: दूध में भिगोकर छुहारा खाने से लकवे के रोग में लाभ प्राप्त होता है। एक बार में 4 से अधिक छुहारे नहीं खाने चाहिए। 
11. मधुमेह के रोग: गुठली निकालकर छुहारे के टुकड़े दिन में 8-10 बार चूसें। कम से कम 6 महीने तक इसका सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है। 
12. वीर्य की कमी में: छुहारा बराबर रूप से दूध में उबालकर खाने से वीर्य बढ़ता है। 
13. बुद्धिवैकल्प, बुद्धि का विकास कम होना: 2 छुहारों और मिश्री को दूध में डालकर उबालें और गर्म हो जाने पर उसकी गुठली को निकालकर छुहारे को हल्के गर्म दूध के साथ लेने से बुद्धि का विकास होता है।

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