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Showing posts from August, 2017

सिर्फ ३ दिन लगते है बवासीर को जड़ से ख़त्म करने में. -जाने ये है उपाए

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सिर्फ ३ दिन लगते है बवासीर को जड़ से ख़त्म करने में.  - ये है उपाए   बवासीर Piles क्या है ? बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो प्रकार की होती है,खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर,खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है,और उनसे खून गिरता है,जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है,और मस्सों में खाज पीडा और सूजन होती है। बवासीर बेहद तकलीफदेह होती है। देर तक कुर्सी पर बैठना और बिना किसी शेड्यूल के कुछ भी खा लेना इसका प्रमुख कारण है।हम आपको यहाँ पर कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे में बताते हैं जिससे बवासीर और इससे होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है।        जरूर जाने -         आयुर्वेदिक पुस्तकों में वर्णित थायरॉइड का अचूक इलाज! थायरॉइड को जड से ख़त्म करने में सक्षम बवासीर  Piles  होने के मुख्य कारण 1 . बवासीर होने की कई वजह होती है जिसमें से एक है अधिक देर तक एक जगह कुर्सी पर बैठे रहना। 2 . अधिक देर तक रात में काम करना। 3 .जो लोग पानी का सेवन कम करते हैं उन्हें भी पाइल्स हो सकता है। 4 . मोटापे का कारण भी बवासीर का मुख्य कारण बन सकता है। 5 . अधि

आयुर्वेदिक पुस्तकों में वर्णित थायरॉइड का अचूक इलाज! थायरॉइड को जड से ख़त्म करने में सक्षम

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आयुर्वेदिक पुस्तकों में वर्णित थायरॉइड का अचूक इलाज! थायरॉइड को जड से ख़त्म करने में सक्षम   डॉक्टरों के अनुसार गले में पाए जाने वाली ग्रंथि Thyroid थायरॉइड से निकलने वाला हार्माेन थायरॉक्सिन हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है। लेकिन अगर किसी वजह से इस हार्मोन का उत्पादन कम या ज्यादा होने लग जाए तो थायरॉइड की समस्या हो जाती है। थायरॉक्सिन का उत्पादन कम होने पर व्यक्ति को हाइपोथायरॉइड (Hypothyroid) और उत्पादन अधिक होने पर हाइपरथायरॉइड (Hyperthyroid) की समस्या हो जाती है। लक्षण • वजन का बढ़ना • बालों का झड़ना (Baldness) • ठण्ड का सहन नही होना (Intolerance Cold) • कमजोरी महसूस होना (Weakness in Body) • स्त्रियों में मासिक रक्तस्त्राव (Extra Discharge During Menses) का अधिक होना • त्वचा का शुष्क होना (Dry Skin) • रक्ताल्पता (Anemia) होना • पेशियों और जोड़ो में दर्द होना, (Pain in the Joints and Muscles) • बुद्धि की कमी हो जाती है • सुनाई कम देता है कारण तनाव-  जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती  है। एल्

सहजन के फायदे सुनकर चौंक जाएंगे आप

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परिचय - Drumstick सहजन के पेड़ अधिकतर हिमालय के तराई वाले जंगलों में ज्यादा पायें जाते हैं। सहजन के पेड़ छोटे या मध्यम आकार के होते हैं। इसकी छाल और लकड़ी कोमल होती है। सहजन के पेड़ की टहनी बहुत ही नाजुक होती है जो बहुत जल्दी टूट जाती है। इसके पत्ते 6-9 जोड़े में होते हैं। फलियां 6-18 इंच लम्बी 6 शिराओं से युक्त और धूसर होती हैं। हिन्दी सहजन। संस्कृत शोभानजना। अंग्रेजी Horse radish tree, Drum stick plant. राजस्थान सेनणा, सहजन। पंजाबी शुभांजना। बंगाली सजीना। तेलगु शोरगी। मराठी शोरगी। गुण : सहजन का प्रयोग दर्द निवारक दवा बनाने में किया जाता है। इसके फूल और फलियों की सब्जी बनाकर खाते हैं। सहजन की पत्तियों में विटामिन `ए` व `सी` कैरोटिन और एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में बहुत मिलता है। इसकी 100 ग्राम पत्तियों में लगभग 7 ग्राम कैरोटिन होता है, जिसे हमारा शरीर विटामिन `ए` में बदल देता है, जो आंखों के रोगों के लिए जरूरी होता है। इसकी मुलायम हरी पत्तियों की सब्जी बनाकर सेवन कर सकते हैं। इसकी पत्तियों को दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर भी पका सकते हैं। इसकी सब्जी खाने की ओर कम लोगों का ध्यान जाता है, लेकिन इस

जानिए किन- किन बिमारियों को जड़ से मिटाती है - नीम

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नीम के ये ऐसे 20  फायदे जो आपको हैरत में डाल देंगे ! Neem परिचय : नीम का पेड़ बहुत बड़ा होता है। नीम का पेड़ वातावरण को शुद्ध बनाने में विशेष भूमिका निभाता है, क्योंकि नीम की पत्तियों में गुणकारी तत्व पाये जाते हैं जो जीवाणुओं को नष्ट करते रहते हैं। नीम की इन रोग प्रतिरोधक शक्तियों के कारण इससे `एंटीसेप्टिक´ औषधियां बनाई जाती हैं। प्राचीन आर्य ऋषियों ने नीम को अलौकिक गुणोंइन सात घरेलु उपायो से 8 दिन में बालो का झड़ना रोके व् 21 दिनों में नए बाल उगते हुए देखे. युक्त बताया है कि नीम अनेक प्रकार की बीमारियों को मानव शरीर से दूर करता है। नीम के पत्ते खाकर कई लोग कई दिनों तक जीवित रहे हैं, साथ ही साथ शक्तिशाली भी रहकर अपना सामान्य जीवन व्यतीत किया है। नीम के बारे में एक अच्छी कहावत है कि नीम खाने में कड़वा होता है परन्तु काफी गुणकारी होता है। इसका पेड़ कड़वा, कषैला और हल्का होता है। स्वरूप : नीम के पेड़ बड़े और ऊंचे होते हैं। नीम के पत्ते नुकीले होते हैं। :  विभिन्न रोगों में सहायक : 1. रक्तार्बुद (फोड़ा) : नीम की लकड़ी को पानी में घिसकर एक इंच मोटा लेप फोड़े पर लगायें। इससे फोड़ा समाप्त हो जाता है। 2

इन सात घरेलु उपायो से 8 दिन में बालो का झड़ना रोके व् 21 दिनों में नए बाल उगते हुए देखे.

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इन सात घरेलु उपायो से 8 दिन में बालो का झड़ना रोके व् 21 दिनों में नए बाल उगते हुए देखे. दोस्तों यदि आप या आपके कोई जानकार गंजेपन के शिकार हैं, तो यहां हम आपको इससे छुटकारा पाने के आसान तरीके बताने जा रहे हैं। इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं तो कुछ धार्मिक ग्रंथों में वर्णित वे तरीके हैं जो गंजेपन का इलाज करते हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इन उपायों को करने में ना तो आपका अधिक समय लगेगा, ना ही बहुत ज्यादा मेहनत और ना ही जरूरत से ज्यादा खर्चा आएगा। बहुत ही कम बजट में आप गंजेपन जैसी समस्या को हमेशा के लिए बाय-बाय कह सकेंगे। शुरुआत करते हैं कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों के साथ, वे उपाय जो आप घर बैठे-बैठे ही कर सकते हैं। loading... अलसी के आश्चर्यजनक फायदे - ये समझना ज़रूरी है कि गंजापन कैसे होता है - :  · मर्दों में अनुवाँशिक प्रवृति होने के कारण गंजापन होता है और उसमें मुख्यतः ऐंड्रॉजेन डीहाईडरोटेस्टोस्टरोन (dihydrotestosterone) (HT) का सीधा सम्बंध गंजेपन से है। · ऐसा मानना है कि बालों की जड़ में बढ़े हुए डी.एच.टी.(DHT) उसके वर्धन के चक्र को कम कर देता है और नए बालों के निकलन

गोरा होने के लिए आप तो नहीं करना चाहती ENO का ये प्रयोग

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ENO से क्या होगा स्कीन का | ये देखो सच्चाई दोस्तों अगर भी जल्दी से गोरा होना के लिए Youtube पर दिखाई गई ENO और कॉफी या नींबू और ENO के प्रयोग करना चाहते है तो आप अपनी स्किन की प्रॉब्लम के लिए खुद जिम्मेदार होंगे। दोस्तों आप को बता दे की ऐसी वीडियो या पोस्ट केवल अपने यूट्यूब चैनल पर viwer बढ़ने के लिए बनाई जाती है। और आप जैसे ही कुछ लोग जल्दी गोरा होने के लालच में बिना सोचे समझे ऐसे प्रयोग को अपनी स्किन पर कर बैठते है और अपनी स्किन को पहले से ज्यादा ख़राब कर लेते है. मित्रो अगर आप लेमन का इस्तेमाल अपनी स्किन पर करते है या इसे शहद , बेसन, चन्दन, मुल्तानी के साथ अपनी स्किन पर लगते है तो ही ये आपकी स्किन पर ग्लो लाता है। किन्तु ENO का प्रयोग न ही अपनी स्किन पर करे और न ही अन्य अंगो पर। ENO में सिट्रिक एसिड व् सोडियम कार्बोनेट होता है। ऐसे ही कुछ कॉम्पोनेन्ट हमारे घरो के क्लीनर में इस्तेमाल होता है। मात्र पाँच दिनों में Hair Loss से छुटकारा कैसे पाए loading... अगर आप इसे अपनी स्किन पर इस्तेमाल करते है तो आपकी स्किन गोरी तो नहीं होगी किन्तु कुछ स्किन टाइप पर यह रिएक्शन कर उसे एलर्जिक कर

( Leucoderma ) इन तरीकों से पा सकते है सफ़ेद दाग से छुटकारा

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सफेद दाग:   आयुर्वेद के मुताबिक सफेद दाग के रोग में चमड़ी के ऊपर का भाग सफेद हो जाता है जिसे सफेद दाग या श्वेत कुष्ठ कहते हैं। इस रोग में शरीर में कही दर्द नहीं होता है और न ही यह फैलने वाला रोग है। सफेद दाग ज्यादातर उन लोगों को होता है, जो परस्पर विरुद्ध वाले भोजन करते हैं जैसे दूध के ऊपर मछली खाना। इसके अलावा डकार, छींक, उल्टी, शौच (टट्टी), मूत्र (पेशाब) आदि को आने से रोकने के कारण भी ये रोग हो जाता है। ज्यादातर धूप में काम करने से, भोजन करने के बाद कसरत करने से, खट्टी और ज्यादा गर्म चीजे खाने से भी यह रोग हो जाता है। वायु (गैस), पित्त, तथा कफ (बलगम) खराब होकर शरीर में खून, चर्बी और मांस का रूप बिगाड़ देते हैं।  लक्षण : सफेद दाग के रोग में सबसे पहले शरीर पर काले धब्बे (निशान) से बन जाते है। फिर त्वचा में जलन और खुजली मचने लगती है और त्वचा बिल्कुल सुन्न हो जाती है और फिर कुछ समय में शरीर पर जगह-जगह सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं। शुरूआत में यह दाग हाथों, कोहनी, चेहरा, घुटने, पैर और जो अंग दबाने से ग्रस्त होते हैं जैसे कमर में नाड़ा बांधने की जगह आदि स्थानो पर हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह दा

क्यों दी जाती है रात में छुआरा खाने की सलाह.....?

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Date - छुहारा प्रसिद्ध मेवाओं में से एक है। छुहारे एक बार में चार से अधिक नहीं खाने चाहिए, वरना इससे गर्मी होती हैं। दूध में भिगोकर छुहारा खाने से इसके पौष्टिक गुण बढ़ जाते हैं। छुहारा रुचिकारक, हृदय के लिए लाभकारी, तृप्तकारी, पुष्टकारक, वीर्य-बलवर्द्धक, क्षय (टी.बी.), रक्तपित्त, वातज्वर, अभिघात वमन, वात और कफरोगों को दूर करता है। यह खून को शुद्ध करता है तथा शरीर को मोटा करता है। विभिन्न रोगों में उपयोग :  1. शीघ्रपतन: 2 छुहारे रोजाना खाने से शीघ्रपतन के रोग में लाभ मिलता है और जिन लोगों का वीर्य पतला निकलता है वह गाढ़ा हो जाता है।  2. बिस्तर में पेशाब होना: यदि बच्चे बिस्तर में पेशाब करते हो तो रोजाना रात को सोते समय 2 छुहारे खिलाने से लाभ होता है। 250 मिलीलीटर दूध में 1 छुहारा डालकर उबाल लें। जब दूध अच्छी तरह से उबल जाये और उसके अन्दर का छुआरा फूल जाये तो इस दूध को ठण्डा करके छुआरे को चबाकर खिलाने के बाद ऊपर से बच्चे को दूध पिला दें। ऐसा रोजाना करने से कुछ दिनों में ही बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है। 3 . कब्ज: सुबह-शाम 3 छुहारे खाकर गर्म पानी पियें। छुहारे सख्त होने स

जरा बच के कई मौतों का कारण है यह Blue Whale Game

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सैन एंटोनियो, टेक्सास के एक 15 वर्षीय यशायाह गोंजालेज ने शनिवार को आत्महत्या कर ली और एक फेसबुक लाइस्टस्ट्रीम पर कार्रवाई को प्रसारित किया, फॉक्स न्यूज ने बताया ब्लू व्हेल चैलेंज कुछ समय के लिए समाचार में रहा है डर-आधारित "गेम" का निर्माण 22 वर्षीय रूसी नामक एक रूसी रशियन नाम की फिलिप ब्यूडेइकिन ने किया था, जिन्होंने एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया था कि रूस में कम से कम 17 किशोरों के आत्महत्या करने के लिए वह सीधे जिम्मेदार थे। Budeikin इस साल मई में गिरफ्तार किया गया था और जेल में तीन साल की सजा सुनाई थी। loading... यह खेल चैलेंजर्स (जिन्हैं खिलाडी या प्रतिभागी भी बुलाया जाता है) और प्रशासकों के बीच के रिश्ते पर आधारित होता है। इसमें व्यवस्थापकों द्वारा दिए गए कर्तव्यों की एक श्रृंखला शामिल होती है जिसे खिलाड़ियों को पूरा करना होता है, आमतौर पर प्रत ि दिन एक कार्य करना होता है, जिनमें से कुछ आत्म विकृति से जुडे होते है। कुछ कार्य अग्रिम में दिया जाता है, इस खेल का अन्तिम कार्य में आत्महत्या करने को कहा जाता है। यहां तक ​​कि भयावह ब्लू व्हेल चैलेंज पर अलार्म भारत भर में फ

दालचीनी के 20 अविश्वसनीय फायदे - Cinnamon Benefits

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दालचीनी विश्व में मसालों के रूप में काम में ली जाती है। यह एक पेड़ की छाल होती है। दालचीनी दो प्रकार की होती है : मोटी दालचीनी : दालचीनी लघु, गर्म, तीखी, मधुर, कटु, रूक्ष और पित्तकारक होती है। यह बलगम, गैस, खुजली, अरुचि नाशक एवं दिल के रोग, मूत्राशय के रोग, बवासीर, पेट के कीड़े, पीनस (पुराना जुकाम) मिटाने वाली तथा वीर्य बढ़ाने वाली होती है। पतली दालचीनी : यह मधुर, कड़वी, तीखी, सुगंधित, वीर्यवर्द्धक, शरीर के रंग को सुधारने वाली, वायु, पित्त, मुंह की सूजन और प्यास को मिटाती है। यह पेशाब और मैज यानी की मासिक-धर्म को जारी करती है। धातु को पुष्ट करती है। मानसिक उन्माद यानी कि पागलपन को दूर करती है। इसका तेल सर्दी की बीमारियों और सूजनों तथा दर्दो को शान्त करता है। सिरदर्द के लिए यह बहुत ही गुणकारी औषधि होती है। दालचीनी  के   विभिन्न रोगों में उपयोग :  1. खांसी: - दालचीनी को चबाने से सूखी खांसी में आराम मिलता है और यदि गला बैठ गया हो तो आवाज साफ हो जाती है। चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 कप पानी में उबालकर 3 बार पीते रहने से खांसी ठीक हो जाती है तथा बलगम बनना बंद हो जाता है।  2.  दमा :- दालची