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Showing posts from October, 2017

100% प्लैटलेट्स बढ़ाने में कारगर है ये घरेलु Ramban नुस्खे

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कम प्लेटलेट का होना, जिसे थ्रॉम्बोसिटोपेनिया   thrombocytopenia  के रूप में जाना जाता है, एक स्वास्थ्य विकार है जिसमें आपके रक्त की सामान्य संख्या प्लेटलेट्स से कम है। प्लेटलेट्स रक्त कोशिकाओं में सबसे छोटी होती हैं जो खून के थक्के में रक्त वाहिका छेद में प्लग बनाने से सहायता करते हैं। रक्तलेट में 5 से 9 दिनों के औसत जीवन काल के साथ प्लेटलेट फैलता है। एक स्वस्थ व्यक्ति में एक सामान्य प्लेटलेट की संख्या 150,000 से लेकर 450,000 Platelets  तक होती है। जब ये संख्या 150,000 प्रति माइक्रोलिट्रेटर से कम हो जाती है, तो इसे कम प्लेटलेट गिन माना जाता है। प्लेटलेट की कम संख्या के तीन संभावित कारण हैं: How to Increase Platelets कम प्लेटलेट के लक्षण :- मसूड़ों या नाक से सहज रक्तस्राव, मूत्र या मल में रक्त, लंबे समय तक रक्तस्राव,  और त्वचा में सतही रक्तस्राव के कारण त्वचा की चपेट में हैं। महिलाओं को असामान्य रूप से भारी मासिक धर्म का अनुभव हो सकता है कम  Platelets  की संख्या वाले लोग भी दुर्भाग्य, थकान और सामान्य कमजोरी की शिकायत कर सकते हैं। Increase Blood Platelets Naturally In Hindi कुछ जीवन

लड़के व् लड़कियों के लिए वजन बढ़ाने के 9 आसान तरीके! Weight Gain

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लड़के व् लड़कियों का हृष्ट पुष्ट शरीर होना ज़रूरी है. सिर्फ़ दिखावा ही नहीं, बल्कि काम करने की क्षमता के लिए वजन सही होना ज़रूरी है. आयुर्वेद (Aayurved) में उस व्यक्ति को कम वजन या दुबला ( Dubla ) कहा जाता है जिस व्यक्ति के शरीर की नसें दिखाई देती है, शरीर में सिर्फ हड्डियाँ दिखती है और जिस व्यक्ति को काम करते वक्त जल्दी थकान लग जाती है व व्यक्ति के नितम्ब, पेट और ग्रीवा शुष्क होते हैं. लेकिन दुबलापन कोई बीमारी नहीं होती है बल्कि दुबलापन व्यक्ति के भोजन, आहार-समय और लापरवाही के कारण होता है. कोई भी युवा (Youth) वह चाहे लड़की हो या लड़का इस जवानी की Age में शरीर में कुछ वजन तो होना ही चाहिए. नहीं तो ऐसी जवानी और युवा जोश का क्या फायदा ? यह बात ध्यान रखे की कम वजन किसी को भी आपकी ओर आकर्षित नहीं कर सकता. Message :-   Save Tree, Save Life कम वजन या दुबलेपन के परिणाम  : ( Dublepan Ka SIde-Effect) 1. कम वजन के कारण मन में हीन-भावना आती है जो हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए नुकसानदायक है.  2.  दुबलेपन के कारण हमेशा Tanav में रहता है. 3. कम वजन के कारण व्यक्ति लोगो के बीच जाने से कतराता है. 4.

ऐसे करें दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन, घर आएंगी सुख- समृद्धि ! होगा मंगल

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दीपावली  भारत का एक महतवपूर्ण त्योहार है इस दिन सभी जन लक्ष्मी गणेश श्री विष्णु जी श्री कुबेर जी की पूजा अर्चना कर अपने अन्य वाले समय को खुशहाल समृद्ध बनाने के लिए करते है किन्तु सही विधि से की गई पूजा आपको  आपका मनचाहा फल देने में सक्षम है. इसलिए आज हम आपको ऐसी विधि को अवगत कराएँगे जो आपके जीवन को धन धान्य से परिपूर्ण कर आपको खुशहाल व् समृद्ध करने में मददगार साबित होगी  Message :-   Save Tree, Save Life loading... दीपावली की पूजन विधि मां लक्ष्मी की पूजा में कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन पूजन सामग्री का इस्तेमाल करें. क्यों दी जाती है रात में छुआरा खाने की सलाह.....? पूजन शुरू करने से पहले चौकी को धोकर उस पर रंगोली बनाएं और चौकी के चारों तरफ चार दीपक जलाएं. जिस जगह पर मां

सफेद पानी का घरेलु उपचार - Leukorrhea Home Remedy Treatment in hindi

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स्त्रियों के गर्भाशय की झिल्ली से, गर्भाशय के अन्दर से और गर्भाशय के मुंह से अक्सर अलग-अलग रंगों का स्राव निकलता है जैसे सफेद, पीला, नीला, दूध की तरह, धुले हुए मांस के पानी की तरह, गाढ़ा और काले रंग का , आयुर्वेद में यह प्रदर का एक प्रकार है जिसे श्वेत प्रदर White Discharge कहा जाता है। श्वेत प्रदर में योनी से असामान्य स्राव abnormal discharge होता है। सामान्य रूप से योनी से हमेशा म्यूकस डिस्चार्ज mucous discharge होता है जो की सर्विकल, एंडोमिट्रियल ग्लैंड तथा अच्छे बैक्टीरिया के कारण होता है। स्राव में योनी से निकलने वाला पदार्थ सफ़ेद या पानी जैसा होता है। इसमें कोई बदबू नहीं होती। यह केवल ओवूलेशन ovulation , प्रेगनेंसी pregnancy या सेक्स sexual arousal के दौरान ही ज्यादा मात्रा में निकलता है। बाकी समय यह काफी कम मात्रा में निकलता है। योनी से होने वाला सामान्य स्राव, जनन अंगों की सफाई cleaning, और स्नेहन lubrication करता है। यह स्राव योनी को इन्फेक्शन से भी बचाता है। लिकोरिया में होने वाला स्राव अलग होता है। इस रोग की समय पर चिकित्सा न होने के कारण से गर्भाशय से ज्यादा मात्रा में