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Showing posts from July, 2017

चेहरे का कालापन दूर करने का सरल उपाय

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                            चेहरे  का कालापन दूर कैसे करे  नींबू और खीरे का रस- टैन त्वचा पर नींबू और खीरे के रस में गुलाब जल मिलाकर लगाएं। नींबू त्वचा के लिए बेहतरीन कलिंजर है। इससे जलन शांत होगी और त्वचा निखरेगी। धूप में बैठने के लिए 10 बजे से पहले का समय चुनें | इस वक्त सूर्य की किरणों से हमें विटामिन डी मिलता है | लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि धूप को सीधे चेहरे पर न लगने दें | टैनिंग सब से अधिक हाथों में होती है | हाथों की त्वचा सूर्य के संपर्क में आने से डिहाइड्रेट हो जाती है | उसे हाइड्रेट रखने के लिए फ्रूट ऐसिडयुक्त मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें | इस से टैनिंग हल्की होती जाएगी | शहद-नींबू- त्वचा से टैनिगं हटाने के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। नींबू के रस में शहद मिलाकर इसे टैन हुई त्वचा पर लगाएं, टैनिंग हट जाएगी। एक प्याले में ये चार चीज़ें डालकर अच्छी तरह मिला लीजिये बेसन – 60 ग्राम, हल्दी – 1 चुटकी, दूध – 15 मिली, गुलाबजल – 15 मिली, इसे अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लीजिये,इस लेप को लगाकर 20 मिनट के लिये छोड़ दीजिये और फिर रगड़कर पानी से धो लीजिये एक दिन छोड़कर एक दिन इसे करना चाहिये

बहुत ही फायदेमंद है कपूर

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बहुत ही  फायदेमंद है कपूर  खुजली– खुजली या फंगल इन्फेक्शन होने पर प्रॉब्लम वाली जगह पर नारियल के तेल में कपूर डालकर लगाने से आराम मिलेगा। घर में  कपूर   की दो गोलियां रखने से वास्तुदोष दूर होता है। इन गोलियों के गल जाने के बाद फिर से दो गोलियां रख दें। इससे वास्तुदोष खत्म हो जाएगा।  ग्लो बढ़ेगा– रेग्युलर रात को सोने से पहले कच्चे दूध में जरा- सा कपूर का पाउडर डालें। रुई की मदद से इसे चेहरे पर लगाएं। 5 मिनट बाद चेहरा धो लें। स्किन हेल्दी बनेगी और चेहरे का ग्लो बढ़ेगा। kapoor khane ke fayde रात के समय चांदी की कटोरी में कपूर अौर लौंग को जलाएं। इससे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। ये उपाय कुछ दिनों तक करते रहें।  कपूर   को घी में भिगोकर सुबह अौर शाम के समय जलाएं। ऐसा करने से घर की परेशानियां खत्म होती है अौर खुशियां आती हैं। कपूर को जलाने से जो ऊर्जा निकलती है उससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है अौर नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। बहुत ही   फायदेमंद है कपूर ------------------------------------------------------------------------------- इसे भी जरूर जाने: Turmeric With Milk-हल्दी दूध के फ

क्या आप नहीं जानते लौंग के ये चमत्कारिक उपाय ( Clove Benefits in Hindi )

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लौंग के फायदे(Clove benefits) दांतों में कई तरह के दर्द होते हैं जैसे मसूड़ों में पीड़ा, दांत में दर्द और मुंह में छाला आदि का होना। दांतों के दर्द में आप लौंग के तेल को रूई के जरिए दर्द वाली जगह पर लगा सकते हैं। इसके अलावा लौंग का तेल मुंह की गंदगी व बदबू को भी दूर करता है। शरीर पर चोट लगने से घाव और खुजली होने लगती है। जिसकी वजह होती है संक्रमण। कभी किसी कीट व विषैले जीव के काटने से भी शरीर में संक्रमण लग सकता है। एैसे में लौंग का तेल लगाने से संक्रमण नहीं फैलता है। टेंशन होने पर इंसान दिमागी रूप से बेचैन हो जाता है और वह बेवजह परेशान होता रहता है। जिसकी वजह से इंसान को नींद भी नहीं आ पाती है। लौंग के तेल का प्रयोग करने से आप इन सभी मानसिक रोगों से बच सकते हो। लौंग पीसकर एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से उल्टी व जी मिचलाना बंद हो जाता है। यदि कान में दर्द हो रहा हो तो तिल के तेल और लौंग के तेल को बराबर मात्रा में मिला लें और एक से दो बूंदे इसकी कान में टपकाएं। आपको कान दर्द से निजात मिलेगा। दो Laung सेककर बारीक पीस लें। एक कप गर्म दूध में मिलाकर पिए। कुछ दिन में खांसी ठीक हो जाती है। लौंग

स्वाइन फ्लू के खतरे का देसी रामबाण इलाज

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स्वाइन फ्लू से  बचाव व रोकथाम    (Swine Flu) स्वाइन फ्लू बहुत ही खतरनाक वायरस होता है, जो सुअरों से इंसानों तक पहुंचता है। इस बीमारी के लक्षण सबसे पहले मेक्सिको के वेराक्रूज इलाके के पिग फार्म के आसपास में रहने वाले लोगों में पाए गए थे। यह सुअरों से जुड़ी हुई बीमारी उनके जुकाम से पैदा होती है। यह वायरस आमतौर से चार तरह से होते हैं H1N1, H1N2, H3N2 और H3N1। इसमें H1N1 सबसे घातक वायरस है, जो दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है। स्वाइन फ्लू के लक्षण मांसपेशियों में दर्द होना, गले में खराश और दर्द सुखी खांसी बुखार, उल्टी या दस्त का होना सिर दर्द भूख न लगना गंभीर मामलों में शरीर के किसी अंग का काम न करना आदि । सावघानी जो रखी जानी चाहिए? छींकते समय टिस्यू पेपर से नाक को ढके और फिर उस पेपर से सावघानी से नष्ट कर दे, कचरे में फेंक दे। अपने हाथों को लगतार साबुन से घोते रहे अपने घर के, ऑफिस के दरवाजों के हेडल, कीबोर्ड, मेज आदि साफ करते रहे। यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दे तो घर से बाहर ना जाएं और दूसरों के नजदीक ना जाएं। यदि आपको बुखार आई हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहे। लगातार पानी

सौंफ....... कितनो के सवास्थ्य को सुधार चुकी है ये चीज़ !

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सौंफ , Saunf – Fennel Seeds शायद ही कोई व्यक्ति हो जो ‘सौंफ’ से परिचित न हो। सौंफ को मसालों की रानी और पान की जान भी कहा जाता है। सौंफ का पौधा झाड़ के समान पतली-पतली कोमल पत्तियों वाला होता है। यह बहुत अधिक ऊंचा नहीं होता। इसके फूल पीले होते हैं। इस पौधे पर जो फल लगता है उसी को सौंफ कहते हैं। अंग्रेजी में इसे अनिसीड कहते हैं। साँस की बदबू को दूर करता है– सौंफ माउथ फ्रेशनर का काम करती है। इसमें कई तरह के सुगंधित तेल होते हैं जो मुँह से बदबू को दूर करता है। इसको चबाने से आपके मुँह में लार का उत्पादन बढ़ता है जो मुँह में छिपे हुए खाद्द पदार्थों को निकालकर हजम करने की क्रिया को शुरू करवाती है। एन्टी-बैक्टिरीअल और एन्टी इन्फ्लैमटोरी गुणों के अलावा ये साँसों के बदबू और मसूड़ों को संक्रमित करने वाले जीवों को नष्ट करती है।खाना खाने के बाद साँस की बदबू को दूर करने के लिए सौंफ खायें। अगर आपके मसूड़ों में संक्रमण हैं तो सौंफ के कुछ दानों को पानी में डालकर उबाल लें और उस काढ़े से गार्गल करें। इस काढ़े से नियमित रूप से गरारा करने पर साँस की बदबू दूर होती है। loading... बदहजमी, कब्ज़ , और ब्लोटिंग

पीलिया रोग के घरेलू उपचार

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Piliya Ke Lakshan - पीलिया   के लक्षण   त्वचा और आंखों का पीलापन ,      नींद बहुत आना ,      उल्टियां ,     दाईं तरफ पेट में दर्द ,    स्टूल में बदलाव ,   पेशाब गहरे पीले रंग का आना ,     कमजोरी , बदन में दर्द , थकान ,      बुखार   पीलिया   होने पर चिकनाई ( घी ,   तेल   ) , तेज मिर्च   मसाले   , उड़द व चने की   दाल   , बेसन ,   तिल   ,   हींग   , राई , मैदा से बने सामान , तली वस्तु आदि।अशुद्ध व बासी खाना , मांस , शराब ,   चाय   कॉफी भी न लें। तेज गर्मी से और अधिक शारीरिक मेहनत से बचना चाहिए पीलिया   होने पर साफ सुथरा गन्ने का रस ,   नारियल पानी   , नारंगी या   संतरे   का रस , मीठे   अनार   का रस , फालसे का जूस ,   फलों   में चीकू ,   पपीता   , खरबूजा , आलूबुखारा , पतली   छाछ   । चपाती बिना घी लगी खा सकते है। दलिया , जौ की चपाती या सत्तू , मूंग की दाल का पानी थोड़ा सा काला   नमक   व   काली मिर्च   डालकर ले सकते है। सब्जी में   लौकी   तोरई   , टिण्डे ,   करेला   , परवल ,   पालक   आदि ले सकते है। loading... पीलिया